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भारत का अकेला सक्रिय ज्वालामुखी: बैरन आइलैंड में फिर हुई हल्की धमाका, जानें सब कुछ

भारत का अकेला सक्रिय ज्वालामुखी बैरन आइलैंड में फिर हुई हल्की धमाका, जानें सब कुछ
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भारत का नाम लेते ही हमारे दिमाग में ताजमहल, गंगा, हिमालय या समुद्र तट आते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में एक सक्रिय ज्वालामुखी भी मौजूद है? हां, आपने सही सुना! अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में स्थित बैरन आइलैंड में दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है। सितंबर 2025 में इस ज्वालामुखी में हल्के विस्फोट देखे गए, जिससे एक बार फिर से वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों की निगाहें इस निर्जन द्वीप पर टिक गई हैं।

अधिकारियों के मुताबिक, 13 और 20 सितंबर को हुए विस्फोट मध्यम स्तर के थे। यह छोटा सा द्वीप पोर्ट ब्लेयर से समुद्र के रास्ते लगभग 140 किलोमीटर दूर है और यहां कोई स्थायी निवासी नहीं रहते। बैरन आइलैंड की भौगोलिक स्थिति बहुत ही खास है, क्योंकि यह वहीं जगह है जहां भारतीय और बर्मा प्लेटें मिलती हैं। इस कारण यहां ज्वालामुखी गतिविधियां होने की संभावना ज्यादा रहती हैं। आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, इस ज्वालामुखी में आखिरी विस्फोट 2022 में हुआ था।

बैरन आइलैंड का भूगोल और आकार

बैरन आइलैंड अंडमान सागर में स्थित है और राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 138 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में है। इस द्वीप का आकार सिर्फ 3 वर्ग किलोमीटर है। ज्यादातर हिस्सा राख और ज्वालामुखी शंकुओं से ढका हुआ है, जिससे दूर से देखने पर यह लगभग सुनसान और बंजर सा दिखता है। यहां ज्यादा हरियाली नहीं है, लेकिन यह प्राकृतिक दृष्टि से वैज्ञानिकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण स्थान है।

यह द्वीप इसलिए भी खास है क्योंकि यह सक्रिय ज्वालामुखी का घर है। आसपास का समुद्री क्षेत्र ज्वालामुखी की राख और अन्य गर्म गैसों से भर जाता है, जिससे समय-समय पर स्थानीय समुद्री जीवन पर असर पड़ता है।

बैरन आइलैंड पर हाल की ज्वालामुखी गतिविधियां

बैरन आइलैंड का इतिहास भी बेहद रोचक है। सबसे पहले इस ज्वालामुखी का विस्फोट 1787 में दर्ज किया गया था। इसके बाद 1991, 2005, 2017 और 2022 में भी हल्के विस्फोट देखे गए। विशेषज्ञों का कहना है कि हाल ही में हुए विस्फोट किसी बड़े खतरे की निशानी नहीं हैं, लेकिन लगातार निगरानी आवश्यक है।

1991 के विस्फोट का द्वीप के वन्य जीवन पर बुरा असर पड़ा था। इस द्वीप का वातावरण काफी कठोर है, इसलिए यहां ज्यादा जानवर नहीं पाए जाते। लेकिन फिर भी, बकरियां, चूहे और कबूतर जैसी कुछ प्रजातियां यहां मौजूद हैं।

बैरन आइलैंड का वन्य जीवन

बैरन आइलैंड पर जीव-जंतु बहुत सीमित हैं, लेकिन जिनकी भी मौजूदगी है, वे इस द्वीप के कठिन हालातों में जीवित रह पाते हैं। कुछ सिद्धांतों के अनुसार, यहां पाई जाने वाली बकरियां एक जहाज हादसे के बाद बची रह गई थीं। इन बकरियों ने ज्वालामुखी की ढलानों पर मौजूद मीठे पानी के झरनों से जीवन यापन किया और यहीं लंबे समय तक जीवित रहीं।

वास्तव में, यह द्वीप प्राकृतिक संतुलन और कठिन परिस्थितियों में जीवों की अनुकूलन क्षमता का जीवंत उदाहरण है। यहाँ का हर जीव और पौधा ज्वालामुखी गतिविधियों के बावजूद जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है।

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भारत में अन्य ज्वालामुखी

अगर आप सोच रहे हैं कि क्या भारत की मुख्य भूमि पर भी ज्वालामुखी हैं, तो उत्तर है नहीं, भारत की मुख्य भूमि पर कोई सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद नहीं है। लेकिन भारत में कुछ निष्क्रिय और विलुप्त ज्वालामुखी जरूर हैं।

ज्वालामुखीस्थानस्थिति
Narcondam Islandअंडमान और निकोबारनिष्क्रिय
Deccan Plateauमहाराष्ट्र/कर्नाटकविलुप्त
Baratang Islandअंडमान और निकोबारसक्रिय (कीचड़ वाला ज्वालामुखी)
Dhinodhar Hillsगुजरातविलुप्त
Dhosi Hillहरियाणा/राजस्थानविलुप्त
Tosham Hillsहरियाणाविलुप्त
Loktak Lakeमणिपुरसुपरवॉल्केनिक काल्डेरा

भारत में सक्रिय ज्वालामुखी की संख्या बहुत कम है, और इसके कारण बैरन आइलैंड वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों के लिए एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र बना हुआ है।

दुनिया के सक्रिय ज्वालामुखी

दुनिया भर में सक्रिय ज्वालामुखी कम नहीं हैं। स्मिथसोनियन इंस्टीट्यूट की ग्लोबल वॉल्केनिक रिपोर्ट के अनुसार, 6 अगस्त 2025 तक दुनिया में लगभग 46 ज्वालामुखी सक्रिय थे। लगातार विस्फोट का मतलब यह नहीं कि हमेशा लावा बह रहा हो, बल्कि हर तीन महीने के अंदर कभी-कभार विस्फोट होते रहते हैं।

कुछ प्रमुख सक्रिय ज्वालामुखी इस प्रकार हैं:

ज्वालामुखीदेशमहाद्वीप
क्राशेनिनिकोवरूसएशिया
रेक्यानेसआइसलैंडयूरोप
टेलिकानिकारागुआउत्तरी अमेरिका
किरीशिमायामाजापानएशिया
करीम्स्कीरूसएशिया
बुलुसनफिलीपींसएशिया
क्लुचेव्सकोयरूसएशिया
रांगइंडोनेशियाएशिया
लेवोटोलोकइंडोनेशियाएशिया
पोआसकोस्टा रिकाउत्तरी अमेरिका

प्रकृति की शक्ति का प्रतीक

बैरन आइलैंड लगातार याद दिलाता है कि प्रकृति कितनी शक्तिशाली और बदलती रहती है। दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी होने के कारण, यहां का हर विस्फोट पूरी दुनिया का ध्यान खींचता है। हालांकि द्वीप निर्जन है, लेकिन वैज्ञानिक और अधिकारी इसकी गतिविधियों पर करीब से नजर रखते हैं।

यह द्वीप हमें यह भी सिखाता है कि प्रकृति की ताकत का सम्मान करना जरूरी है। ज्वालामुखी चाहे कितनी भी छोटे स्तर पर विस्फोट करे, इसका असर स्थानीय समुद्री जीवन और पर्यावरण पर हमेशा दिखाई देता है।

FAQs – बैरन आइलैंड

बैरन आइलैंड ज्वालामुखी कहाँ स्थित है?

बैरन आइलैंड अंडमान सागर में है, राजधानी पोर्ट ब्लेयर से लगभग 138 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में। यह द्वीप दक्षिण एशिया का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी है।

भारत में और कौन-कौन से ज्वालामुखी मौजूद हैं?

भारत में मुख्य भूमि पर कोई सक्रिय ज्वालामुखी नहीं है। कुछ निष्क्रिय और विलुप्त ज्वालामुखी जैसे कि नारकोंडम आइलैंड, डेकोन पठार, धिनोधर हिल्स और ढोसी हिल मौजूद हैं।

बैरन आइलैंड ज्वालामुखी कितनी बार फटा है?

बैरन आइलैंड का पहला विस्फोट 1787 में हुआ था। इसके बाद 1991, 2005, 2017, 2022 और हाल ही में सितंबर 2025 में हल्के विस्फोट हुए हैं।

बैरन आइलैंड पर कौन-कौन से जानवर रहते हैं?

द्वीप पर बकरियां, चूहे और कबूतर जैसी कुछ प्रजातियां पाई जाती हैं। बकरियां यहां एक जहाज हादसे के बाद बची और मीठे पानी के झरनों की वजह से जीवित रही।

दुनिया में और कौन-कौन से सक्रिय ज्वालामुखी हैं?

दुनिया में 46 से ज्यादा सक्रिय ज्वालामुखी हैं। इनमें रूस का क्राशेनिनिकोव, जापान का किरीशिमायामा, फिलीपींस का बुलुसन और इंडोनेशिया का रांग शामिल हैं।



Aadit Singh


सह-संस्थापक और चीफ़ एडिटर, Yuva Help (yuva.help)। युवाओं को सरकारी नौकरियों, स्कॉलरशिप और करियर गाइडेंस की सही जानकारी देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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