क्या CBSE बोर्ड परीक्षा 2026 से छात्रों की परीक्षा प्रणाली बदल जाएगी? हाँ, CBSE ने 2026 से बोर्ड परीक्षा के पैटर्न और असेसमेंट स्कीम में बड़े सुधार किए हैं। ये बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की सिफारिशों पर आधारित हैं। इसका मुख्य उद्देश्य है – छात्रों की समझ, विश्लेषण क्षमता और वास्तविक जीवन में ज्ञान के उपयोग की जाँच करना, न कि केवल याद की गई बातों को दोहराना।
आइए जानते हैं कि CBSE Board Exam 2026 में कौन-कौन से बड़े बदलाव किए गए हैं और इनसे छात्रों को क्या लाभ होगा।
क्यों किए गए बदलाव CBSE Board Exams 2026 में?
CBSE ने यह सुधार इसलिए किए हैं ताकि पढ़ाई का तरीका रटने से हटकर समझने और लागू करने पर केंद्रित हो। NEP 2020 के अनुसार, शिक्षा का मकसद अब सिर्फ अंक लाना नहीं बल्कि कौशल और अवधारणात्मक समझ विकसित करना है।
इसलिए 2026 से बोर्ड परीक्षा में competency-based questions यानी ऐसे सवालों पर ज़ोर दिया जाएगा जो छात्रों की सोचने, विश्लेषण करने और वास्तविक परिस्थितियों में ज्ञान लागू करने की क्षमता को परखें।
CBSE बोर्ड परीक्षा 2026 के प्रमुख बदलाव
1. दो बोर्ड परीक्षा के अवसर (Two Exam Windows System)
CBSE ने 2026 से क्लास 10 के लिए दो बोर्ड परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है।
- पहली परीक्षा: फरवरी में होगी।
- दूसरी परीक्षा (सुधार या improvement exam): मई-जून के बीच आयोजित की जाएगी।
दोनों परीक्षाएँ पूरा सिलेबस कवर करेंगी, लेकिन छात्र अपने सर्वश्रेष्ठ स्कोर को चुन सकेंगे। इससे छात्रों को एक ही परीक्षा में प्रदर्शन का दबाव नहीं रहेगा और उन्हें एक अतिरिक्त अवसर मिलेगा अपने अंक सुधारने का।
(फिलहाल यह बदलाव केवल क्लास 10 पर लागू होगा; क्लास 12 के लिए आगे चलकर इसी तरह की सुविधा दी जा सकती है।)
2. रटकर याद करने पर घटा ज़ोर, समझ पर बढ़ा ध्यान
CBSE Board Exam 2026 में अब ऐसे प्रश्नों की संख्या बढ़ाई गई है जो कॉन्सेप्ट और लॉजिक पर आधारित हों। डिस्क्रिप्टिव (लॉन्ग आंसर या शॉर्ट आंसर) प्रश्नों का वेटेज थोड़ा घटाया गया है ताकि छात्रों की अवधारणात्मक समझ और अनुप्रयोग क्षमता को प्राथमिकता दी जा सके।
Competency-based questions अब पेपर का बड़ा हिस्सा होंगे — जैसे case-based, source-based और situation-based questions, जो छात्रों को सोचने पर मजबूर करेंगे, न कि रटने पर।
3. CBSE Class 10 और 12 के पेपर का नया स्ट्रक्चर और वेटेज
2026 से CBSE दोनों कक्षाओं (10 और 12) की परीक्षाओं में एक संतुलित प्रश्न पैटर्न लागू करेगा। यह पैटर्न छात्रों की सोच, विश्लेषण और समझने की क्षमता को आँकने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
CBSE Class 10 Question Paper Pattern 2026
- Competency-Based Questions (MCQ, केस-आधारित या सोर्स-आधारित): 50%
- Objective/Select Response Type Questions (MCQs): 20%
- Constructed Response (Short/Long Answer): 30%
CBSE Class 12 Question Paper Pattern 2026
- Competency-Based Questions: 50%
- Objective Type (MCQs): 20%
- Descriptive/Long Answer Type: 30%
यह संरचना NEP 2020 की सोच के अनुरूप है, जिसमें छात्रों की analytical thinking और problem-solving skills पर ज़ोर दिया गया है।
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क्लास 10 के विषयवार पेपर पैटर्न 2026
CBSE Class 10 Science Paper 2026
साइंस पेपर को अब तीन स्पष्ट सेक्शनों में बाँटा गया है:
- Section A – Biology (सबसे अधिक वेटेज)
- Section B – Chemistry
- Section C – Physics
इससे प्रश्नों का संतुलन बना रहेगा और हर विषय का सही कवरेज होगा। अब साइंस पेपर ज्यादा स्ट्रक्चर्ड और कॉन्सेप्ट-ड्रिवन होगा।
CBSE Class 10 Social Science Paper 2026
सोशल साइंस के पेपर को भी चार सेक्शनों में बाँटा गया है ताकि छात्र विषयवार ढंग से पेपर हल कर सकें:
- Section A – History
- Section B – Geography
- Section C – Political Science
- Section D – Economics
इससे हर विषय का महत्व और वेटेज साफ रहेगा, और छात्रों को उत्तर देने की दिशा स्पष्ट मिलेगी।
CBSE Class 10 Mathematics Paper 2026
मैथ्स के लिए कोई बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। पहले की तरह छात्र Standard या Basic लेवल में से किसी एक को चुन सकते हैं — यह उनके भविष्य की पढ़ाई और करियर लक्ष्यों पर निर्भर करेगा।
CBSE Class 12 Exam Pattern 2026 – कोई बड़ा बदलाव नहीं
क्लास 12 के लिए CBSE ने मौजूदा पैटर्न को ही जारी रखा है।
- थ्योरी परीक्षा: 70–80 अंक
- प्रैक्टिकल/प्रोजेक्ट कार्य: 20–30 अंक
- प्रश्नों के प्रकार: MCQs, केस-बेस्ड और लंबे उत्तर वाले प्रश्नों का मिश्रण
हालाँकि, स्कूलों को निर्देश दिया गया है कि वे 11वीं और 12वीं में competency-based learning को बढ़ावा दें ताकि छात्र आने वाले वर्षों के बदलावों के लिए तैयार रहें।
असेसमेंट और ग्रेडिंग स्कीम 2026
- आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment): 20%
- थ्योरी परीक्षा: 80%
- पासिंग मानदंड: हर विषय और कुल मिलाकर 33% अंक अनिवार्य
- ग्रेडिंग सिस्टम: 9-पॉइंट ग्रेडिंग स्केल जारी रहेगा, ताकि तुलना के बजाय समग्र सीखने पर ध्यान दिया जा सके।
छात्रों के लिए इन बदलावों के फायदे
- कम परीक्षा तनाव: अब छात्रों को साल में दो मौके मिलेंगे, जिससे परीक्षा का दबाव घटेगा।
- ज्ञान का वास्तविक उपयोग: Competency-based प्रश्न छात्रों को सिखाएँगे कि किताबों का ज्ञान वास्तविक परिस्थितियों में कैसे लागू किया जाए।
- संतुलित मूल्यांकन: थ्योरी और इंटरनल असेसमेंट के संयोजन से छात्रों की समग्र प्रगति का मूल्यांकन होगा।
- रटने की आदत में कमी: नया पैटर्न छात्रों को सोचने, विश्लेषण करने और समझकर उत्तर देने के लिए प्रेरित करेगा।
CBSE Board Exam 2026 की तैयारी कैसे करें?
नए पैटर्न के अनुसार तैयारी के लिए छात्रों को कुछ बातों पर खास ध्यान देना चाहिए:
- केवल याद करने के बजाय कॉन्सेप्ट्स को गहराई से समझें।
- Competency-based और केस-बेस्ड प्रश्नों का नियमित अभ्यास करें।
- CBSE के 2026 के सैंपल पेपर्स से नए फॉर्मेट को अच्छी तरह समझें।
- साइंस और सोशल साइंस के अलग-अलग सेक्शन को संतुलित रूप से दोहराएँ।
- इंटरनल असेसमेंट को हल्के में न लें – इसमें भी 20% वेटेज है।
- मॉक टेस्ट और टाइम-बाउंड प्रैक्टिस से गति और सटीकता दोनों बढ़ाएँ।
निष्कर्ष
CBSE Board Exam 2026 भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होने जा रहा है। यह बदलाव छात्रों को सिर्फ परीक्षा पास करने के लिए नहीं, बल्कि सोचने, समझने और समस्याओं को हल करने के लिए तैयार करेगा। नया एग्ज़ाम पैटर्न और असेसमेंट स्कीम छात्रों के लिए अधिक अवसर, कम तनाव और बेहतर सीखने की दिशा में बड़ा कदम है।
CBSE Board Exam 2026: FAQs
2026 से CBSE ने परीक्षा पैटर्न और असेसमेंट स्कीम में बड़े बदलाव किए हैं। अब क्लास 10 के छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिलेगा, और प्रश्न पत्र में 50% competency-based सवाल होंगे ताकि छात्रों की समझ और अनुप्रयोग क्षमता की जाँच हो सके।
नहीं, फिलहाल यह सुविधा केवल क्लास 10 के छात्रों के लिए लागू की गई है। क्लास 12 के लिए बोर्ड आगे चलकर इसी मॉडल को अपनाने पर विचार कर सकता है।
Competency-based questions ऐसे सवाल होते हैं जो छात्र की सोचने, विश्लेषण करने और वास्तविक जीवन में ज्ञान लागू करने की क्षमता को परखते हैं। ये प्रश्न सामान्य रटने वाले प्रश्नों से अलग होते हैं — जैसे case study, data interpretation या situation-based प्रश्न।
इंटरनल असेसमेंट का वेटेज 20% रहेगा, लेकिन स्कूलों को इसे अधिक सख्ती और पारदर्शिता से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रोजेक्ट, असाइनमेंट और पीरियडिक टेस्ट अब छात्रों के समग्र मूल्यांकन में अधिक अहम भूमिका निभाएँगे।
छात्र को दोनों परीक्षाओं में से जिसमें बेहतर अंक मिले हों, वही परिणाम अंतिम माना जाएगा। यानी, छात्र अपनी best score रिपोर्ट कार्ड के लिए चुन सकता है।
छात्र को प्रत्येक विषय और कुल मिलाकर कम से कम 33% अंक प्राप्त करने होंगे ताकि वह पास माना जाए।






