भारत के किले सिर्फ पत्थरों की दीवारें नहीं हैं — ये हमारी विरासत, शौर्य और वास्तुकला की अद्भुत मिसाल हैं। सदियों पहले राजाओं और सम्राटों ने इन्हें न सिर्फ अपनी सुरक्षा के लिए बल्कि अपनी ताकत और वैभव दिखाने के लिए भी बनवाया था। आज ये किले हमारे अतीत की याद दिलाते हैं और दुनियाभर के सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
भारत में ऐसे कई ऐतिहासिक किले हैं जो अपने आकार, बनावट और गौरवशाली इतिहास के लिए मशहूर हैं। चाहे वो राजस्थान का विशाल चित्तौड़गढ़ किला हो या दिल्ली का लाल किला — हर एक किला अपने आप में एक कहानी है। इन किलों में कई तो UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स भी हैं। आइए जानते हैं भारत के 10 सबसे पुराने किलों के बारे में, जिन्हें देखकर आप भी गर्व महसूस करेंगे।
भारत के 10 सबसे पुराने किले (Top 10 Oldest Forts in India)
(आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया – ASI के अनुसार)
| क्रमांक | किले का नाम | राज्य | निर्माण काल |
|---|---|---|---|
| 1 | चित्तौड़गढ़ किला | राजस्थान | 7वीं सदी |
| 2 | कुम्भलगढ़ किला | राजस्थान | 15वीं सदी |
| 3 | ग्वालियर किला | मध्य प्रदेश | 8वीं सदी |
| 4 | लाल किला | दिल्ली | 1648 ईस्वी |
| 5 | गोलकोंडा किला | तेलंगाना | 13वीं सदी |
| 6 | मेहरानगढ़ किला | राजस्थान | 15वीं सदी |
| 7 | आमेर किला | राजस्थान | 1592 ईस्वी |
| 8 | झांसी किला | उत्तर प्रदेश | 17वीं सदी |
| 9 | आगरा किला | उत्तर प्रदेश | 16वीं सदी |
| 10 | दौलताबाद किला | महाराष्ट्र | 12वीं सदी |
1. चित्तौड़गढ़ किला, राजस्थान

7वीं सदी में बना यह किला भारत का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध किला माना जाता है। 700 एकड़ में फैला चित्तौड़गढ़ किला आज भी राजपूत वीरता और त्याग का प्रतीक है। इसकी ऊँची दीवारें, मंदिर, महल और विजय स्तंभ इसकी भव्यता दिखाते हैं। यह किला UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट भी है और हर साल लाखों पर्यटक यहाँ इतिहास को महसूस करने आते हैं।
2. कुम्भलगढ़ किला, राजस्थान

15वीं सदी में राणा कुंभा द्वारा बनवाया गया यह किला अपनी 36 किलोमीटर लंबी दीवार के लिए मशहूर है — जो चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। अरावली पर्वतों की ऊँचाई पर बसा यह किला राजपूतों की शक्ति और वास्तुकला का बेहतरीन नमूना है। यह भी UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है।
3. ग्वालियर किला, मध्य प्रदेश

8वीं सदी में बना यह किला ‘ग्वालियर का जिब्राल्टर’ कहलाता है। पहाड़ी की चोटी पर बना यह किला दूर से ही अपनी मजबूती का एहसास कराता है। इसके अंदर खूबसूरत महल, मंदिर और जलाशय हैं। यह किला मुगलों, मराठों और अन्य कई शासकों के अधीन रहा है — और भारत के मध्यकालीन इतिहास का अहम हिस्सा है।
4. लाल किला (Red Fort), दिल्ली

मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1648 में इस लाल पत्थर से बने भव्य किले का निर्माण करवाया था। यह किला भारत की आज़ादी का प्रतीक भी है क्योंकि हर साल 15 अगस्त को यहीं से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं। शानदार महलों, हॉल्स और मस्जिदों से सजा यह किला UNESCO वर्ल्ड हेरिटेज साइट में दर्ज है।
5. गोलकोंडा किला, तेलंगाना

13वीं सदी में बना गोलकोंडा किला हैदराबाद के पास स्थित है और कभी यह दुनिया के सबसे प्रसिद्ध हीरे के व्यापार केंद्रों में से एक था। इसकी दीवारें, दरवाजे और ध्वनि-प्रतिध्वनि (echo) वाली संरचना इसकी इंजीनियरिंग कुशलता को दर्शाती है। काकतीय से लेकर कुतुब शाही शासकों तक, इस किले ने कई राजवंशों का शासन देखा है।
6. मेहरानगढ़ किला, राजस्थान

जोधपुर की ऊँची पहाड़ी पर स्थित मेहरानगढ़ किला 15वीं सदी में राव जोधा ने बनवाया था। यह किला 400 फीट ऊँचा है और इसमें कई खूबसूरत महल, तोपें और संग्रहालय हैं। इसकी विशालता और वास्तुकला इसे राजस्थान के सबसे आकर्षक स्थलों में से एक बनाती है।
7. आमेर किला, राजस्थान

1592 में राजा मान सिंह द्वारा निर्मित आमेर किला जयपुर का प्रमुख पर्यटन स्थल है। संगमरमर और लाल पत्थर से बना यह किला अपनी सुंदर नक्काशी, शीश महल और राजसी गलियारों के लिए प्रसिद्ध है। हर शाम होने वाला लाइट एंड साउंड शो इसकी शान में चार चाँद लगा देता है।
8. झांसी किला, उत्तर प्रदेश

17वीं सदी में बना यह किला रानी लक्ष्मीबाई की वीरता का प्रतीक है। यह वही किला है जहाँ से 1857 की क्रांति की ज्वाला भड़की थी। मजबूत पत्थरों से बना यह किला झांसी शहर की शान है और आज भी देशभक्ति की भावना को जीवित रखता है।
9. आगरा किला, उत्तर प्रदेश

16वीं सदी में अकबर महान द्वारा निर्मित यह किला भारत की मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। लाल बलुआ पत्थर से बना यह किला कभी मुगलों की राजधानी हुआ करता था। इसके अंदर दीवान-ए-खास, दीवान-ए-आम और जहांगिरी महल जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं।
10. दौलताबाद किला, महाराष्ट्र

12वीं सदी में बना यह किला देवगिरी किला नाम से भी जाना जाता है। यह किला अपनी रणनीतिक बनावट और सुरक्षा व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। खड़ी पहाड़ी पर बसा यह किला कई राजवंशों का गवाह रहा है — यदव, खिलजी, बहमनी और मुगल, सभी ने यहाँ शासन किया।
भारत के ये किले न सिर्फ हमारी संस्कृति और इतिहास के प्रतीक हैं, बल्कि ये उस युग की कहानियाँ भी सुनाते हैं जब तलवारें बोलती थीं और शौर्य ही पहचान था। अगर आप इतिहास के प्रेमी हैं, तो ये जगहें आपकी यात्रा सूची में ज़रूर होनी चाहिए।
भारत के सबसे पुराने किलों से जुड़े सवाल-जवाब (FAQ)
भारत का सबसे पुराना किला चित्तौड़गढ़ किला (राजस्थान) माना जाता है। इसे 7वीं सदी में बनवाया गया था और यह राजपूत वीरता और त्याग का प्रतीक है।
चित्तौड़गढ़ किला ही भारत का सबसे बड़ा किला है, जो लगभग 700 एकड़ में फैला हुआ है। इसकी विशाल दीवारें और ऐतिहासिक इमारतें इसे खास बनाती हैं।
कुम्भलगढ़ किला (राजस्थान) की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है, जो चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है।
दिल्ली का लाल किला मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 1648 ईस्वी में बनवाया था। यह भारत की आज़ादी का प्रतीक भी है क्योंकि हर साल यहीं से प्रधानमंत्री देश को संबोधित करते हैं।
तेलंगाना का गोलकोंडा किला अपनी हीरे की खदानों और अद्भुत ध्वनि-प्रतिध्वनि (Echo) व्यवस्था के लिए प्रसिद्ध है। कभी यह दुनिया के प्रमुख हीरे व्यापार केंद्रों में से एक था।
झांसी किला 1857 की प्रथम स्वतंत्रता संग्राम और रानी लक्ष्मीबाई की वीरता से जुड़ा हुआ है। यह किला आज भी देशभक्ति का प्रतीक माना जाता है।
आमेर किला जयपुर (राजस्थान) में स्थित है। यह अपने शीश महल, सुंदर नक्काशी और लाइट एंड साउंड शो के लिए बेहद लोकप्रिय है।
दौलताबाद किला महाराष्ट्र में स्थित है। इसे पहले देवगिरी किला के नाम से जाना जाता था। यह अपनी पहाड़ी स्थिति और मजबूत सुरक्षा प्रणाली के लिए प्रसिद्ध है।









