यूपी बोर्ड की 2026 हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं अब तक की सबसे स्मार्ट और सिक्योर होने जा रही हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से हर छात्र पर लाइव नजर रहेगी, ताकि नकल की कोई गुंजाइश ही न बचे। जी हां, अब एग्जाम हॉल में AI कैमरे आपकी हर हरकत पर नजर रखेंगे!
बिजली कटौती का बहाना खत्म!
यूपी बोर्ड ने अभी तक 2026 की परीक्षाओं के लिए कोई आधिकारिक नीति जारी नहीं की है, लेकिन सूत्रों के हवाले से खबर है कि AI बेस्ड स्मार्ट सीसीटीवी सिस्टम पूरे जोर-शोर से लागू होगा। सबसे खास बात – बिजली गुल होने पर भी कैमरे बंद नहीं होंगे!
हर स्ट्रांग रूम में AI पावर्ड हाई-टेक कैमरे लगाए जाएंगे, जो बैटरी बैकअप और सोलर पावर से चलेंगे। क्षेत्रीय बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि पहले बिजली कटने के बहाने कैमरे बंद कर प्रश्नपत्रों में छेड़छाड़ की कोशिशें होती थीं। अब ऐसी कोई साजिश कामयाब नहीं होगी।
दूरदराज के सेंटर्स पर भी लाइव वेबकास्टिंग
आमतौर पर परीक्षा केंद्र उन्हीं स्कूलों में बनते हैं जहां बिजली, जेनरेटर और इन्वर्टर की पक्की व्यवस्था हो। लेकिन दूर-दराज के इलाकों में बिजली की दिक्कत आम है। इस बार ऐसे सभी केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की सुविधा होगी।
स्ट्रांग रूम का लाइव फीड सीधे जिले के कमांड सेंटर से जुड़ेगा। यानी कोई भी अनहोनी होने पर तुरंत अलर्ट मिलेगा। बोर्ड के मुताबिक, 1 लाख से ज्यादा AI कैमरे पूरे यूपी में लगाए जा सकते हैं – ये आंकड़ा 2025 के पायलट प्रोजेक्ट से सामने आया है।
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जेल में भी बनेगा एग्जाम सेंटर
पिछले शैक्षणिक सत्र 2024-25 में कुल 125 स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। इसके अलावा एक अतिरिक्त केंद्र केंद्रीय कारागार में भी स्थापित किया गया था। कैदी छात्रों को भी बोर्ड परीक्षा देने का मौका मिला।
वाराणसी जिले की पूरी मॉनिटरिंग राजकीय क्वींस कॉलेज के कंट्रोल रूम से हुई, जबकि बाकी 14 जिलों की निगरानी क्षेत्रीय बोर्ड ऑफिस से की गई। इस बार भी यही सिस्टम रहेगा, लेकिन AI की वजह से कंट्रोल रूम और पावरफुल हो जाएंगे।
रियल टाइम मॉनिटरिंग, जीरो चांस ऑफ चीटिंग
बोर्ड परीक्षा की शुचिता, पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए AI संचालित स्मार्ट सिक्योरिटी सिस्टम लागू किया जा रहा है। अत्याधुनिक तकनीक से स्ट्रांग रूम की हर सेकंड की मॉनिटरिंग होगी।
- फेशियल रिकग्निशन से छात्रों की पहचान
- मूवमेंट डिटेक्शन से संदिग्ध गतिविधि पर अलर्ट
- ऑटोमैटिक रिकॉर्डिंग और क्लाउड स्टोरेज
ये सब सुविधाएं 2025 में प्रयागराज, लखनऊ और गोरखपुर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत टेस्ट की जा चुकी हैं। अब 2026 में पूरे यूपी में रोलआउट होगा।
कितने सेंटर्स होंगे? अभी इंतजार
फिलहाल बोर्ड की ओर से परीक्षा केंद्रों की संख्या स्पष्ट नहीं की गई है। लेकिन अनुमान है कि पिछले साल से 20-25% ज्यादा सेंटर्स बन सकते हैं, क्योंकि AI सिस्टम की वजह से छोटे स्कूल भी सेंटर बन सकेंगे।
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि नीति जारी होने के बाद ही पूरी डिटेल्स सामने आएंगी। लेकिन इतना पक्का है कि 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा नकल-मुक्त और टेक्नोलॉजी से लैस होगी।
नकल करने वालों के लिए बुरी खबर!
अगर आप सोच रहे हैं कि पुराने तरीके से नकल हो जाएगी, तो भूल जाइए। AI कैमरे आपकी आंखों की पुतली तक पढ़ लेंगे। बोर्ड का साफ संदेश – पढ़ाई करो, नकल नहीं। 2026 की यूपी बोर्ड परीक्षा सिर्फ एक एग्जाम नहीं, टेक्नोलॉजी का महासंग्राम होने जा रही है। तैयार रहिए!









