उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा का प्रसार एक प्रेरणादायक कहानी है। राज्य के शहरों के साथ-साथ गांवों में भी बुनियादी और उच्च शिक्षा पर जोर दिया जा रहा है, जिससे अशिक्षा की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से दूर किया जा रहा है। इस प्रयास का एक उत्कृष्ट उदाहरण वह गांव है, जिसे उत्तर प्रदेश का सबसे साक्षर गांव माना जाता है। आइए, इसकी विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर प्रदेश का संक्षिप्त परिचय
उत्तर प्रदेश भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और विविधता के लिए जाना जाता है। ऐतिहासिक रूप से, यह क्षेत्र प्राचीन कोसल और पांचाल साम्राज्यों का केंद्र रहा। मध्यकाल में शर्की वंश ने जौनपुर की स्थापना की, उसके बाद मुगल शासन में इसे अवध सूबा का हिस्सा बनाया गया। ब्रिटिश काल में इसे उत्तर-पश्चिमी प्रांत और बाद में संयुक्त प्रांत का नाम दिया गया, जो स्वतंत्रता के बाद 1950 में उत्तर प्रदेश बन गया। पिछले कुछ दशकों में शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है, जिसमें ग्रामीण विकास को विशेष प्राथमिकता दी गई है।
उत्तर प्रदेश में गांवों और जिलों की संख्या
उत्तर प्रदेश भारत में सबसे अधिक ग्रामीण आबादी वाला राज्य है। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में कुल 1,06,774 गांव दर्ज किए गए थे, जो इसके व्यापक ग्रामीण स्वरूप को रेखांकित करते हैं। वर्तमान में (2023-2024 के सरकारी अनुमानों के आधार पर), यह संख्या लगभग 1,07,000 से अधिक है, जिसमें नए बसावटों और प्रशासनिक परिवर्तनों को शामिल किया गया है।
राज्य में कुल 75 जिले हैं, जो 18 मंडलों में विभाजित हैं। इनमें 351 तहसीलें शामिल हैं, जो चार प्रमुख संभागों—पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, पूर्वांचल और बुंदेलखंड—में वर्गीकृत हैं। इसके अलावा, 17 नगर निगम, 28 विकास प्राधिकरण और 5 विशेष क्षेत्र विकास प्राधिकरण राज्य की शहरी-ग्रामीण संरचना को मजबूत बनाते हैं।
उत्तर प्रदेश का सबसे साक्षर गांव: धौर्रा माफी
उत्तर प्रदेश का सबसे साक्षर गांव धौर्रा माफी है, जो अलीगढ़ जिले में स्थित है। इसे न केवल राज्य बल्कि एशिया का सबसे शिक्षित गांव भी कहा जाता है। यह गांव शिक्षा के प्रति अपनी असाधारण प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध है।
साक्षरता दर और प्रगति
2011 की जनगणना में गांव की साक्षरता दर 75 प्रतिशत थी, लेकिन हालिया सर्वेक्षणों (2022-2023 तक के स्थानीय और राज्य स्तरीय आंकड़ों के अनुसार) के आधार पर यह 90 प्रतिशत से अधिक हो चुकी है। गांव की निकटता अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) से होने के कारण यहां शिक्षा का वातावरण सदैव प्रोत्साहनपूर्ण रहता है। कई निवासी AMU में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत रहे हैं या हैं।
उपलब्धियां और विशेषताएं
- लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स: वर्ष 2002 में धौर्रा माफी को अपनी उच्च साक्षरता दर के लिए इस प्रतिष्ठित रिकॉर्ड बुक में स्थान मिला।
- व्यावसायिक विविधता: गांव के घरों में डॉक्टर, इंजीनियर, सरकारी अधिकारी और शिक्षाविद् जैसे पेशेवर आसानी से मिल जाते हैं। हर परिवार में कम से कम एक सदस्य उच्च शिक्षा प्राप्त होता है।
- शिक्षा инфраструктура: गांव में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्तर की स्कूलें हैं, साथ ही सरकारी योजनाओं जैसे समग्र शिक्षा अभियान और मिड-डे मील कार्यक्रम का प्रभावी कार्यान्वयन हो रहा है।
यह गांव उत्तर प्रदेश सरकार की ग्रामीण शिक्षा नीतियों का जीवंत प्रमाण है, जहां सामुदायिक भागीदारी और संस्थागत समर्थन ने अशिक्षा को पूरी तरह समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। धौर्रा माफी न केवल एक गांव है, बल्कि पूरे राज्य के लिए शिक्षा क्रांति का प्रतीक बन चुका है।
उत्तर प्रदेश का सबसे पढ़ा-लिखा गांव कौन-सा है – FAQs
धौर्रा माफी गांव, जो अलीगढ़ जिले में स्थित है। इसे एशिया का सबसे शिक्षित गांव भी माना जाता है।
2011 की जनगणना में यह 75% थी, लेकिन 2023 तक के अनुमानों के अनुसार अब यह 90% से अधिक हो चुकी है।
वर्ष 2002 में, इसकी उच्च साक्षरता दर के लिए।
गांव अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के निकट है, जिससे शिक्षा का वातावरण प्राकृतिक रूप से मजबूत है। कई निवासी AMU में प्रोफेसर रहे हैं।
2011 की जनगणना के अनुसार 1,06,774 गांव। वर्तमान में यह संख्या लगभग 1,07,000 से अधिक अनुमानित है।
75 जिले, जो 3 मंडलों और 4 संभागों में विभाजित हैं।









